शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

उपचार और प्रयोग: प्यार क्या होता है जाने मेडिकल साइंस से .......?

उपचार और प्रयोग: प्यार क्या होता है जाने मेडिकल साइंस से .......?: भावनात्मक और सामाजिक ताने-बाने में इस सवाल के कई जवाब हैं, मगर मेडिकल साइंस की दुनिया में प्यार एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। शरीर में कुछ ह...

बुधवार, 19 अगस्त 2015

उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग: एक मौत धीमे-धीमे-

उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग: एक मौत धीमे-धीमे-: आज से पचास साल पहले कोई भी व्यक्ति रिफाइंड आयल नाम को नहीं जानता था -तो क्या ये लोग स्वस्थ नहीं थे ? पास्ता,मैक्रोनी,पिज्जा,बर्गर,नुड...

शनिवार, 27 जून 2015

बुरा भला: जमशेदजी टाटा की पुण्यतिथि पर विशेष

बुरा भला: जमशेदजी टाटा की पुण्यतिथि पर विशेष: जमशेदजी टाटा (३ मार्च, १८३९ - १९ मई, १९०४) भारत के महान उद्योगपति तथा विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक थे। आरम...

बुरा भला: स्व॰ डॉ. हेडगेवार जी की ७५ वीं पुण्यतिथि

बुरा भला: स्व॰ डॉ. हेडगेवार जी की ७५ वीं पुण्यतिथि: केशवराव बलिराम हेडगेवार ( जन्म : १ अप्रैल १८८९ - मृत्यु : २१ जून १९४०) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक एवं प्रकाण्ड क्रान्त...

शनिवार, 13 जून 2015

ई- गवर्नेंस : सरकारी सेवायें आपके घर पर

ई- गवर्नेंस : सरकारी सेवायें आपके घर पर: अब दिन लद गये जब कोई सरकारी काम कराने को दफ्तरो के चक्कर लगाते-लगाते चप्पल जूते घिस जाया करते थे। ...

Court-Kacheharee Aur Kanoon-कोर्ट-कचेहरी और कानून: भारत में फलता-फूलता मुकदमेबाजी उद्योग

Court-Kacheharee Aur Kanoon-कोर्ट-कचेहरी और कानून: भारत में फलता-फूलता मुकदमेबाजी उद्योग: इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जिसमें व्यापारी वर्ग को किसी शासन व्यवस्था से कभी कोई शिकायत रही हो, क्योंकि वे पैसे की शक्ति को...

सोमवार, 8 जून 2015

आसमानी बिजली कैसे बनती है?

आसमानी बिजली कैसे बनती है?
झारखण्ड बंद के मद्देनजर हर चौक चौराहे पर पुलिस की ड्यूटी लगी थी ऐसा ही हमारे आदित्यपुर चौक का भी हाल था, हम अपने दोस्तों के साथ गप्पे लड़ा रहे थे तभी एक बुजुर्ग अपने स्कूटर से गिर पड़े हम जब तक उनकी मदद को आगे बढ़ते उससे पहले हीं चार पुलिसकर्मी उनके सहायता को दौर पड़े उन्हों ने बुगुर्ग को आदरपूर्वक सड़क से किनारे लाया उन्हें सहारा दिया उनका स्कूटर स्टार्ट करवाया, पुलिस वालो को इतना करते देख हमें भी बड़ा अच्छा लगा और हम इनकी प्रशंसा करने लगे इसी बिच हमारे एक मित्र ने बताया की उसके करीबी पहचान के एक पुलिस इंस्पेक्टर हैं जिनकी काफी बोल्ड छवी है उन्हों ने अपने बैठक में अपनी दो तस्वीरे लगा रक्खी है एक तस्वीर तब की है जब उन्हों ने बिभाग को ज्वाइन किया था और दूसरी हाल ही की है
एक दिन मेरा मित्र देर शाम को उनके घर पहुंचा इंस्पेक्टर साहब घर पर ही थे और थोड़ी चढ़ा रखी थी, उन्होंने उसे बैठक में बैठाया हाल चाल पूछा और इधर उधर की बाते करने लगे बातचीत के क्रम में मेरे मित्र ने उनका ध्यान उनके तस्वीरों की ओर दिलाते हुए कहा की पुराने तस्वीर में आपकी क्या स्मार्टनेस और मासूमियत दिखती थी और अभी वाले में खूब रौब झलकता है साहब ने कहा ठीक कहते हो ये बेचारा नया इंस्पेक्टर था जिसने सर्विस ज्वाइन करते वक़्त कसम खाया थे की किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा सबको आदर सम्मान दूंगा रिश्वत नही लूँगा किसी  के दबाव में गलत नहीं करूँगा, और दूसरी तस्वीर उस कमीने इंस्पेक्टर की है जो ज्यादातर गलत ही करता है जो बिना पैसे के किसी बात को जल्द नहीं सुनता इसे हर हाल में पैसा चाहिए चाहे अपना घर गिरवी रख के दो इसे अपने अधिकारियो को भी तो देना पड़ता है हर वक़्त दबाव रहता है नेता या अधिकारियों का ज्यादातर गलत करने का ही पैरवी आता है बिनम्रता किसे कहते है भूल गया तभी तो लोगो में खौफ घरता है,

बात तो थी ऐसे ही आईगई वाली लेकिन एक कड़क पुलिस वाले की लाचारी दिखी पता नहीं उनसे संवेदना रखूं या उनके मौजूदा कार्यकलापो के लिये अन्य पुलिसवालों की तरह इनसे भी नफरत करूँ 

एयरकंडीशन ट्रेन से लोकल ट्रेन तक का सफ़र

खुबसुरत नजारों मे जि भर के घुमने के बाद हम देर से न्यू जलपाईगुड़ी पहुँचे पता चला की हमारा ट्रेन छुट चूका है, हमने बहुत प्रयास किया की हमें किसी दुसरे ट्रेन में जगह मिल जाये पर ऐसा नहीं हो सका, घर पहुंचने की जल्दी हम सबको थी इतने में हमारे साथी अजित जी ने पता किया की अभी से कोलकोता के लिये बस मिल सकती है जो सुबह तक हमे वहां पंहुचा देगी, हम सब ने आगे का सफ़र बस से तय करने का फैसला किया और यही से हमारा सफ़र suffer बन गया । एक तो बस बिलकुल ही ख़राब हालत में थी बैठने में कही से कोई आराम न था लेकिन मज़बूरी में हमसब करते भी क्या ? रात का सफ़र था ट्रैफिक कम थी लेकिन रास्ता ख़राब था बस उठा पटक करते हुए चले जा रही थी आगे इस्लामपुर में जाम लगी हुई थी लोगो ने बिजली के लिये रास्ता रोक रक्खा था, दो घंटे के बाद जाम खुली बस आगे बढ़ी रात के एक बजे बस एक ढाबे पर रुकी भूख से हम सबका बुरा हाल था जो भी रुखा सुख मिला हमसब ने थोडा बहुत खया फिर बस पर सवार हुए बस आगे को चल पड़ी, बस सुबह के चार बजे फरक्का से पहले ख़राब हो गई हम बस के बनने का इंतजार करते रहें, सुबह के आठ बज गये तब ड्राइबर ने बताया की अभी बस को ठीक होने में और भि समय लगेगा । कोलकता के लिये अभी आधा रास्ता तय करना बाकि था और धुप निकल चूका था हमें आने वाली परेसानियों का अंदाजा होने लगा था सो हमने फैसला किया की आगे का रास्ता ट्रेन से तय कर लिया जाये, हमने किसी तरह एक टाटा मैजिक वाले को फरक्का स्टेसन तक पहुँचाने को राजी किया हम फरक्का रेलवे स्टेसन पहुँच गए ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ा हमें इंटरसिटी एक्सप्रेस मिल गया हम ट्रेन में चढ़ गए हमें उम्मीद थी की हम दोपहर तक कोलकोता पहुँच जाएँगे हम अपने फैसले पर खुश थे लेकिन ट्रेन नबोद्विप स्टेसन पर पहुँच कर रुक गई, पता करने पर पता चला की अगले स्टेसन पर गोली बम चल रहा है लोग पटरियों पर जमा है दंगा हो रहा है, थोड़ी ही देर में रेलवे द्वारा घोषणा कर दी गई की यह ट्रेन आगे नहीं जायेगी वापस मालदा चले जायेगी । स्टेसन् के बाहर अफरा तफरी का माहौल था हमारे साथ बच्चे और महिलाये थी एक तो अंजान जगह फिर दंगा और ज्यादा भड़क न जाये इस लिये हमें भी चिंता होने लगी लोग पुलिस और सरकार को गालियाँ बक रहे थे । खैर हमने बड़े प्रयास और मिन्नतों के बाद ज्यादा भाड़ा का लालच दे कर दो मारुती वैन वाले को कृष्नानगर स्टेसन तक पहुँचाने को राजी कर लिया, हमने अपना सामान वैन पर लादा और स्टेसन के और निकल पड़े रस्ते में एक बहुत बड़े निर्माण पर नजर पड़ी पूछने पर ड्राइवर ने बताया की यह इस्कॉन द्वारा खरबों की लागत से बनाया जा रहा मंदिर है जिसके उद्घाटन में बराक ओबाबा आने वाले है । हम कृष्नानगर रेलवे स्टेसन पहुँच गए वहां से लोकल ट्रेन थोड़े थोड़े अंतराल में उपलब्ध् थी लेकिन किसी भी ट्रेन में तिल रखने को भी जगह नहीं थी शाम होने को हो चला था हम सबकी हालात बिगड़ने लगी थी, हमने कोई और दूसरा चारा न देख कर लोकल से ही कोलकता पहुँचने का फैसला किया और लोकल ट्रेन में धक्का मुक्की कर सवार हो गए कही कोई सिट खाली नहीं थी हमारे एक मित्र की डेढ़ साल की बच्ची रोये जा रही थी मैंने उसके लिये एक युवक के सिट छोड़ने का आग्रह किया तो उसने मना कर दिया, बाद में खुद ही एक सज्जन ने अपना सिट हमें दे दिया हम सब अपने परिवार के साथ भीड़ में सफ़र कर रहे थे जब भी कोई सिट खाली होती हम उसे लूट कर बैठ जाते । ट्रेन की सबसे खास बात थी हर मिनट भीड़ को चिड़ता कोई फेरी वाला बड़े मजे में अपना समान बेंचने को आता था और लोग उसे इंटरटेन भी कर रहे थे । ट्रेन जब भी किसी आउटर पर रूकती तो हम डर जाते की फिर कुछ तो नहीं हुआ खैर ट्रेन देर से ही सही सियालदह स्टेसन पहुँच गई और हमारे जान में जान आई, फिर हम टेक्सी कर हावड़ा स्टेसन पहुंचे और वहां से ट्रेन द्वारा अपने शहर को पहुंचे । इस सफ़र का अंत बड़ा ही कस्टकर रहा लेकिन हम सभी के बच्चों और परिवार का साथ और सकुशल घरवापसी ने सब कुछ भुला दिया.....

देवत्वं

देवत्व क्या है ?????
मेरे अन्दर की अच्छाई आपके अंदर की अच्छाई हम सब के अन्दर की अच्छाई.....
पर सब के अन्दर की सच्चाई क्या है ?????
देवत्व क्यों ??????
हम सही रास्ते पर चले ,जीवन में हमें दुःख न हो, भय के वक़्त हमें सहारा मिले, बिपति न आये आये तो जल्द टल जाये.......

और इतना कुछ मिले पर कोई अहसान न जताए  !!
सोचिये अगर इस्वर का हमारे जीवन में सीधा हस्तछेप हो जाये तो, अगर वो बुरे कर्मो के लिए फटकारने लगे या फिर जज की भूमिका अदा करने लगे तो ......
मेरी समझ से इस्वर का निराकार होना ही उनकी स्वीकार्यता का सबसे बड़ा कारन है ।

शनिवार, 7 मार्च 2015

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

जानिये क्या है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना….
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए योग्यता -: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना  का लाभ 18 से 50 वर्ष तक की आयु वाला बैंक खाता धारक उठा सकता हैं । योजना धारक के नाम से शुरू की जाएगी जिसमे वह अपना उत्तराधिकारी का नाम देगा ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का हिस्सा बनने के लिए खाता धारक को अपने आधार कार्ड को बैंक से जोड़ना होगा । इसके बाद प्रति वर्ष 1 जून से पहले एक फॉर्म भरकर बैंक में देना होगा,  जिसके बाद प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ उठा सकता हैं,
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत खाता धारक को 330 रूपये प्रति वर्ष प्रीमियम भरना होगा ।
योजना के अंतर्गत धारक के परिवार को उसकी मृत्यु के लिए 2 लाख रूपये की राशि दी जाएगी चाहे मृत्यु दुर्घटना के कर्ण हो या स्वाभाविक ।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना  के तहत योजना से जुड़े रहने के दो आप्शन :
योजना को सुचारू रखने के लिए प्रति वर्ष धारक को एक फॉर्म 1 जून से पहले भरकर जमा करना अनिवार्य हैं जिसके बाद प्रीमियम राशि खाते से बैंक द्वारा ले लि जाएगी ।
दूसरा आप्शन हैं अगर धारक लंबा अनुबंध करना चाहता हैं तब 2 से 4 वर्ष का Long Time Risk Coverage को चुन सकता हैं । इसके तहत प्रीमियम राशि प्रति वर्ष स्वतः बैंक द्वारा खाते से काट ली जाएगी ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) की सुविधा :
यह योजना SBI बैंक में उपलब्ध हैं । बाद मे इसे अन्य निजी बैंक अथवा LIC के साथ जोड़ दिया जायेगा ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) में सरकार का योगदान इस योजना के लिए सरकार द्वारा प्रति वर्ष निर्णय बदले जायेंगे । साथ ही बीमा राशि public welfare fund जैसी संस्थाओं द्वारा दी जाएगी ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 80 C के तहत टैक्स फ्री हैं । अगर बीमा पालिसी के तहत 1 लाख रूपये से अधिक दिए जा रहा हैं लेकिन फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा नहीं किया गया हैं तब कूल आय से 2 % TDS काट लिया जाएगा, अर्थात धारक करदाता हैं तब उसे 2% टीडीएस काट कर बीमा कवरेज दिया जायेगा  
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत धारक को 2 लाख रुपये का जीवन बीमा दिया जायेगा । चाहे मृत्यु दुर्घटना से हुई हो या सामान्य ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में प्रीमियम केवल 330 रुपये प्रति वर्ष हैं जो कि एक रूपये दिन से भी कम हैं ।
भविष्य मे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना से जोड़ दिया जाएगी ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना बैंक से जुड़ी होने के कारण खाताधारक को प्रीमियम भरने की तिथी याद रखने की आवश्यक्ता नहीं होगी ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवम प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में अंतर (Difference between Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana In Hindi) :
यह एक बड़ा सवाल हैं कि एक ही बजट में दो अलग अलग बीमा सुविधा क्यूँ दी गई । क्यूंकि इन दोनों योजनाओ में दो मुख्य अंतर हैं

SN मुख्य बिंदु प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana In Hindi) /  प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana In Hindi)
1
प्रीमियम राशि 330 रूपये प्रति वर्ष /12 रूपये प्रति वर्ष.
2
कवरेज नियम मृत्यु कवरेज (एक्सीडेंटल/ सामान्य ) / एक्सीडेंटल कवरेज (पूर्ण 2 लाख / आंशिक 1 लाख ).
3
आयु सीमा 18 वर्ष से 50 वर्ष / 18 वर्ष से अधिक.
4
कवरेज अवधि 50 वर्ष तक / जब तक सुचारू रखे.
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana In Hindi) देश की जनता को विपत्ती के समय दी जाने वाली एक सहायता हैं ।
sabhar- bikaspidiya 

सुकन्या समृद्धि योजना

इस बजट के बाद से ही सुकन्या समृद्धि योजना चर्चा में है आइये जाने की यह है क्या ।
4 दिसंबर, 2014 को सरकार ने छोटी बचत को प्रोत्साहन देने के लिए बालिकाओं की विशेष जमा योजना ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ (Sukanya Samridhi Account) का शुभारंभ किया। 3 दिसंबर, 2014 को सुकन्या समृद्धि खाता नियम-2014 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया। सुकन्या समृद्धि खाता बालिका के माता-पिता या संरक्षक द्वारा बालिका के नाम से उसके जन्म लेने से दस वर्ष तक की आयु प्राप्त करने तक खोला जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
यदि कोई बालिका जिसने इस नियम के प्रारंभ होने के एक वर्ष पहले दस वर्ष की आयु प्राप्त कर ली थी वह भी खाता खोलने के लिए पात्र होगी।
जमाकर्ता बालिका के नाम से केवल एक ही खाता खोल और संचालित कर सकता है। माता-पिता या संरक्षक केवल दो बालिकाओं के लिए खाता खोल सकते हैं, जुड़वा बच्चे के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने पर तीसरा खाता खोलने की अनुमति दी जाएगी।
यह खाता एक हजार रुपये की प्रारंभिक जमा राशि से खोला जाएगा और एक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम एक हजार और अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये जमा किए जा सकेंगे।
खाते में रकम खाता खोलने की तारीख से चौदह वर्ष पूर्ण होने तक जमा की जा सकेगी।
यदि खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं की गई है तो न्यूनतम जमा राशि सहित 50 रु. प्रतिवर्ष के जुर्माने के साथ खाते को नियमित कराया जा सकेगा।
ब्याज अधिसूचित की जाने वाली दर पर वार्षिक या मासिक देय होगी।
खाता बालिका के दस वर्ष आयु पूर्ण करने तक माता-पिता द्वारा खोला और संचालित किया जाएगा। बालिका के दस वर्ष आयु प्राप्त करने के पश्चात वह स्वयं खाता संचालित कर सकेगी।खाता भारत वर्ष में कहीं भी अंतरित किया जा सकेगा।
खाते से जमा राशि के पचास प्रतिशत तक की राशि निकालने की अनुमति तब दी जाएगी जब बालिका अठ्ठारह वर्ष की हो जाएगी।
बालिका की मृत्यु होने पर संरक्षक द्वारा खाता बंद कर दिया जाएगा और राशि ब्याज सहित आहरित कर ली जाएगी।
खाता खोलने की तारीख से इक्कीस वर्ष पूर्ण होने पर खाता परिपक्व होगा।
यदि बालिका का विवाह 21 वर्ष अवधि पूर्ण होने से पहले होता है तो विवाह की तारीख के पश्चात खाते के चालन की अनुमति नहीं होगी। खाता चालन बंद होने के पश्चात आहरण पर्ची द्वारा जमा राशि ब्याज सहित प्राप्त होगी।

कार्यप्रणालीखाता खोलना
इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले अधिकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक खाता खोलना होगा। यह खाता बच्ची के माता-पिता या अभिभावक उसके 10 साल का होने तक खोल सकते हैं। एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खोला जा सकता है। यदि किसी की दो बेटियां हैं तो उसे दो अलग-अलग खाता खोलना होगा। यदि किसी के ट्रिप्लेट्स (तीन) बच्चियां हों तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
उम्र
सुकन्या जमा योजना के तहत 10 वर्ष से अधिक उम्र की बच्ची का खाता नहीं खोला जा सकता। है। हालांकि इस वर्ष एक साल की छूट दी गई है।
ब्याज दर
इस योजना के तहत खाते में जमा राशि पर हर वर्ष भारत सरकार की ओर से ब्याज दरों की घोषणा की जाएगी। 2014-15 के लिए ब्याज दर 9.1 प्रतिशत तय की गई है।
स्थानांनतरण की सुविधा
इस खाते को जिस शहर में खोला जाएगा, वहां से किसी दूसरे शहर में भी स्थानांनतरित किया जा सकेगा। यानी पूरे भारतवर्ष में कहीं भी स्थानांनतरित किया जा सकता है।
जमा निधि
इस खाते को न्यूनतम 1000 रुपए की राशि या उसके 100 रुपए के गुणांक के साथ खोला जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1000 रुपए और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक इस खाते में जमा किया जा सकेगा। यह राशि खाता खोलने से लेकर 14 वर्ष पूरा होने तक जमा रहेगी।
अर्थदंड यदि किसी खाते में नियमित रूप में राशि जमा नहीं की जाएगी तो उस पर 50 रुपए प्रतिवर्ष का अर्थदंड भी आरोपित किया जाएगा। खाता संचालन
सुकन्या जमा योजना खाते का संचालन बच्ची के अभिभावक द्वारा तब तक किया जाएगा, जब तक कि वह बच्ची 10 वर्ष की न हो जाए। 10 वर्ष की होने के बाद वह बच्ची अपने खाते का संचालन खुद करेगी।
निकासी जब लड़की 18 वर्ष की हो जाएगी तब उसे जमा राशि की 50 फीसदी रकम उच्च शिक्षा के लिए मिल जाएगी। टैक्स में राहत
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खुलने वाले खातों को टैक्स से छूट देने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के तहत खुलने वाले खातों को आयकर कानून की धारा 80-जी के तहत छूट दी जाएगी।
योजना से जुड़ी नवीन जानकारी
पीपीएफ से अधिक ब्याज
सुकन्या समृद्धि खाता 10 साल तक की लड़कियों के लिए खोला जा सकता है। बेटी के 18 साल होने पर इसमें से 50 फीसदी राशि शिक्षा खर्च के लिए निकालने की अनुमति है। 21 वर्ष की उम्र के बाद इसमें से पूरी राशि निकाल सकते हैं। सरकार इस पर 9.10 फीसदी ब्याज दे रही है। सुकन्या खाता में सालाना एक हजार रुपये का निवेश अनिवार्य है और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।

सुकन्या खाता में निवेश राशि पर ही पहले टैक्स छूट थी लेकिन इस बजट में इसके ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर भी टैक्स छूट दी गई है। इस मामले में यह पीपीएफ के बराबर हो गया जिसपर तीन स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है। लेकिन ब्याज के मामले में सुकन्या खाता पीपीएफ से ज्यादा आकर्षक है। पीपीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिल रहा है जबकि सुकन्या खाता पर 0.35 फीसदी ब्याज अधिक है। ऐसी योजनाओ के बारे में हमें ज्यादा से ज्यादा लोगो तक जानकारी पहुँचाने की आवस्यकता  है ताकि उनका लाभ उठाया जा सके "राकेश मिश्रा"
साभार बिकसपीड़िया .

गुरुवार, 15 जनवरी 2015

उपभोक्ता मंच-Upbhokta Manch: वेब पोर्टल निपटा रहे उपभोक्ता शिकायतें

उपभोक्ता मंच-Upbhokta Manch: वेब पोर्टल निपटा रहे उपभोक्ता शिकायतें: वेब पोर्टल निपटा रहे उपभोक्ता शिकायतें नई दिल्ली, सौरभ सुमन टीवी-फ्रिज से लेकर हवाई यात्रा संबंधित शिकायतों तक का निपटारा कराते हैं ...