मैंने अपने दिल के दरवाज़े पर लिख छोरा था,
ये आम रास्ता नहीं है ,,,,,,,,,,,,
पर वह शोख इश्क आया , मुस्कान की कमंद फेकी ,
और बिना दस्तक दिए दाखिल हो गया ,,,,,,,,,
और फिर पुरे दमखम से चिल्लाया ,
है अपने दिल पर तुम्हारा बस !!!!!!!!!!!!!
“हरबर्ट
शिपमैंन”
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