१.महिला दिवस पर .....
उन्हें खुला आसमान चाहिए..
जहाँ वे उड़ सकें ,
उन्हें पंख मत दो
बस बेड़ियाँ खोल दो ।।
२.बेटियों के पापा
___________
मर्दों की भीड़ में,
कुछ पिता,
बेटियों के पापा होते है|
अपनी नन्ही बेटियों को
काँधे टिकाये
बिता देते है, सारी रात,
बिटिया को सुलाते
ख़ुद जागे -जागे|
दुनियां के बाकी पापाओ से
एकदम अलग,
ये बेटियों के पापा
तो बस, बेटियों के पापा होते है |
ये अपनी बेटियों को सिखाते है,
साहस और बहादुरी की बाते|
ये थमा देते है, अपनी बेटियों को साइकिल
थाम लेते है, उसका कैरियर, मजबूती से
और कहते है बेटियों को, बहादुर बनो
मारो पैडल|
उन्हें खुला आसमान चाहिए..
जहाँ वे उड़ सकें ,
उन्हें पंख मत दो
बस बेड़ियाँ खोल दो ।।
२.बेटियों के पापा
___________
मर्दों की भीड़ में,
कुछ पिता,
बेटियों के पापा होते है|
अपनी नन्ही बेटियों को
काँधे टिकाये
बिता देते है, सारी रात,
बिटिया को सुलाते
ख़ुद जागे -जागे|
दुनियां के बाकी पापाओ से
एकदम अलग,
ये बेटियों के पापा
तो बस, बेटियों के पापा होते है |
ये अपनी बेटियों को सिखाते है,
साहस और बहादुरी की बाते|
ये थमा देते है, अपनी बेटियों को साइकिल
थाम लेते है, उसका कैरियर, मजबूती से
और कहते है बेटियों को, बहादुर बनो
मारो पैडल|
आभार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें