शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

बरोदा के पुराना छात्र भुचुंग सोनम की कविताः

मेरे पास सिद्धांत है और कोई सत्ता नहीं 
तुम्हारे पास सत्ता है और कोई सिद्धांत नहीं 
तुम तुम हो 
मै मै हूं 
समझोते का सवाल ही नहीं 
तो शुरू होने दो युद्ध 
मेरे पास सत्य है और कोई ताकत नहीं 
तुम्हारे पास ताकत है और कोई सत्य नहीं 
तुम तुम हो 
मै मै हूं समझोते का सवाल ही नहीं 
तो शुरू होने दो युद्ध
तुम कुचल सकते हो मेरा सर 
मै लडूंगा 
तुम कुचल सकते हो मेरी हड्डियों
मै लडूंगा 
जिन्दा दफना सकते हो मुझे 
मै लडूंगा 
अपनी नसों मे दोरते हुए सत्य के साथ 
मै लडूंगा 
अपनी रत्ती रत्ती ताकात भर 
मै लडूंगा 
उखरती हुई अपनी आखरी साँस तक 
मै लडूंगा 
तब तक लडूंगा मै 
जब तक जमींदोज नहीं हो जाता 
तुम्हारे झूठो से बना हुआ किला 
जब तक की तुम्हारे झूठो से पूजा हुआ सैतान 
घुटने नहीं टेक देता सत्य के मेरे फरिस्ते के सामने

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