गुरुवार, 18 जुलाई 2013

हमारा कानून -2

मोटर वेहिकल  एक्ट भी अंग्रेजो का बनाया एक कानून है जो लगभग उसी स्वरूप में आज भी जारी है ,उस ज़माने में कार/मोटर जो था वो सिर्फ अंग्रेजों, रजवाड़ों और पैसे वालों के पास होता था तो इस कानून में प्रावधान डाला गया कि अगर किसी को मोटर से धक्का लगे या धक्के से मौत हो जाये तो सजा नहीं होनी चाहिए या हो भी तो कम से कम | साल डेढ़ साल की सजा हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए उसको हत्या नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि हत्या में तो धारा 302 लग जाएगी और वहां हो जाएगी फाँसी या आजीवन कारावास, तो अंग्रेजों ने इस एक्ट में ये प्रावधान रखा कि अगर कोई मोटर के नीचे दब के मरा तो उसे कठोर और लम्बी सजा ना मिले | ये व्यवस्था आज भी जारी है और इसीलिए मोटर के धक्के से होने वाली मौत में किसी को सजा नहीं होती | और सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस देश में हर साल डेढ़ लाख लोग गाड़ियों के धक्के से या उसके नीचे आ के मरते हैं लेकिन आज तक किसी को फाँसी या आजीवन कारावास नहीं हुआ |उसी तरह से एक और कानून है Indian Citizenship Act , आप और हम भारत के नागरिक हैं तो कैसे हैं, उसके Terms और Condition अंग्रेज तय कर के गए हैं | अंग्रेजों ने ये कानून इसलिए बनाया था कि अंग्रेज भी इस देश के नागरिक हो सकें | तो इसलिए कानून में ऐसा प्रावधान है कि कोई व्यक्ति (पुरुष या महिला) एक खास अवधि तक इस देश में रह ले तो उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है (जैसे बंगलादेशी शरणार्थी) | लेकिन हमने इसमें आज 2011 तक के 64 सालों में रत्ती भर का भी संशोधन नहीं किया | इस कानून के अनुसार कोई भी विदेशी आकर भारत का नागरिक हो सकता है, नागरिक हो सकता है तो चुनाव लड़ सकता है, और चुनाव लड़ सकता है तो विधायक और सांसद भी हो सकता है, और विधायक और सांसद बन सकता है तो मंत्री भी बन सकता है, मंत्री बन सकता है तो प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी बन सकता है | ये भारत की आजादी का माखौल नहीं तो और क्या है ? | आप अमेरिका जायेंगे और रहना शुरू करेंगे तो आपको ग्रीन कार्ड मिलेगा लेकिन आप अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बन सकते, जब तक आपका जन्म अमेरिका में नहीं हुआ होगा | ऐसा ही कनाडा में है, ब्रिटेन में है, फ़्रांस में है, जर्मनी में है | दुनिया में 204 देश हैं लेकिन दो-तीन देश को छोड़ के हर देश में ये कानून है कि आप जब तक उस देश में पैदा नहीं हुए तब तक आप किसी संवैधानिक पद पर नहीं बैठ सकते, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है | कोई भी विदेशी इस देश की नागरिकता ले सकता है और इस देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हो सकता है और आप उसे रोक नहीं सकते, क्योंकि कानून है, Indian Citizenship Act , उसमे ये व्यवस्था है|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें